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Monday, May 17, 2021

दूसरे की भलाई में किया गया काम यज्ञ बन जाता है।

 

आज कल COVID के समय में हम दो तरह के मनुष्यों को अपने समाज में देख रहे हैं.कुछ मनुष्य एक दूसरे की मदद कर रहे हैं जबकि कुछ मनुष्य अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए कालाबाज़ारी आदि गतिविधियों में लिप्त हैं।


भगवान ने गीता में इन दोनों प्रकार के मनुष्यों के द्वारा किए गए कर्मों और उनके फल के विषय में हमें बतलाया है।इसको जानने के लिए आज ये नवभारत टाइम्स  मैं स्पीकिंग ट्री के अंतर्गत प्रकाशित लेख को पढ़ें जो कि निम्न लिंक पर उपलब्ध है 


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दूसरे की भलाई में किया गया काम यज्ञ बन जाता है।


अपरा और परा प्रकृति - नया पॉडकास्ट सुनें

मनुष्य जन्म का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य स्वयं को  या अपने  वास्तविक स्वरूप 

को जानना है ! मैं कौन हूँ इसको जानने के लिए इस पॉडकास्ट को सुने

 

इस लिंक पर क्लिक करें:

 

अपरा और परा प्रकृति