Saturday, May 2, 2020

शास्त्रनिहित कर्तव्य कर्म - दिनांक 13 अप्रैल 2020

व्यवहारिक गीता ज्ञान - 

भगवान गीता के कर्म योग नामक तीसरे अध्याय के 25 एवं 26 वें श्लोक में कर्म के करने के विषय में कहते हैं:-

🌈🎉🌷 सक्ता: कर्मण्यविव्दांसो यथा कुर्वंति भारत।
कुर्याध्दिव्दास्तथासक्तच्श्रिकीर्षुर्लोकसङग्रहम ।।

न बुद्धिभेदं  जनयेदज्ञानां कर्मसडिगंनाम ।
जोषयेत्सर्वकर्माणि विव्दान्युक्त: समाचरन् ।। 🌈🎉🌷

   हे भारत! कर्म में आसक्त हुए अज्ञानी जन जिस प्रकार कर्म करते हैं, आसक्ति रहित विद्वान भी लोक संग्रह करना चाहता हुआ उसी प्रकार कर्म करें । परमात्मा के स्वरूप में अटल स्थित हुए ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि वह शास्त्रनिहित कर्मों में आसक्ति वाले अज्ञानियों की बुद्धि में भ्रम अर्थात कर्मों में अश्रद्धा उत्पन्न ना करें । किंतु स्वयं शास्त्र निहित समस्त कर्म भली भांति करता हुआ उनसे भी वैसे ही करवाये ।

          इस श्लोक में आता है कि जैसे कोई मनुष्य फल की प्राप्ती  के लिए, अपने सुख और भोग के लिए बड़ी सावधानी एवं तत्परता पूर्वक एवं विधि द्वारा आसक्ति सहित कर्म करता है, उसे यहां पर तत्वज्ञान ना होने के कारण अज्ञानी कहा है । उसी प्रकार ज्ञानी पुरुष लोक संग्रह के लिए ,  दूसरों के हित के लिए,  निष्काम भाव से आसक्ति रहित होकर कर्म करता रहे । जब एक पुरुष आसक्ति रहित होकर कर्म करता है तब दूसरे पुरुष जो आसक्ति युक्त चित्त वाला है उस पर उसका असर होता है और उसके अंतकरण पर इसका प्रभाव पड़ता है । समय के साथ-साथ उसमें भी बदलाव हो सकता है । हमें दूसरे से कुछ ना चाहकर केवल उनके हित के लिए ही कर्म करने हैं , इस बात से कर्म योग  का पालन करना आसान हो जाता है।

       किसी की बुद्धि में संसय या उसे विचलित कर देना ही बुद्धि में भ्रम उत्पन्न करना है । अतः जो आसक्ति के साथ फल की इच्छा से कर्म कर रहे हैं उनकी बुद्धि को ज्ञानी पुरुष या आसक्ति रहित कर्म करने वाला पुरुष अपने वचनों से विचलित या भ्रम  में ना डालें अर्थात उनमें कर्म करने के प्रति अश्रद्धा उत्पन्न ना करें । बल्कि अपने आचरण तथा उपदेशों द्वारा उनके अंत:करण से आसक्ति और फल की कामना के भावों को दूर करते हुए उनको पहले की तरह ही श्रद्धा पूर्वक कर्म की प्रेरणा देता रहे । जिससे बह भी निष्काम भाव से या कर्तापन के अभिमान से रहित होकर अपने अपने कर्मों का विधिपूर्वक आचरण करते हुए अपने मनुष्य जन्म को सफल कर सके।

  धन्यवाद
    बी. के. शर्मा 🌹

No comments:

Post a Comment